Kidney Stone Treatment 2025:
किडनी स्टोन (Kidney Stone) जिसे हिंदी में “गुर्दे की पथरी” कहते हैं, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें किडनी में छोटे-छोटे कठोर पत्थर जैसे जमाव बन जाते हैं। ये पथरियाँ मूत्रमार्ग में फंसकर तेज दर्द, संक्रमण और मूत्र संबंधी परेशानियाँ पैदा कर सकती हैं।
भारत में लगभग 12% लोग अपने जीवन में कभी न कभी इस समस्या से जूझते हैं, खासकर गर्मियों में जब पानी कम पीने से यह समस्या बढ़ जाती है। इस लेख में हम किडनी स्टोन (Kidney Stone) के कारण, लक्षण, बचाव के तरीके और आधुनिक व घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
What is Kidney Stone:
किडनी स्टोन मूत्र में मौजूद खनिजों (जैसे कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड) के जमा होने से बनते हैं। ये कण धीरे-धीरे एकत्रित होकर छोटे-बड़े पत्थरों का रूप ले लेते हैं। इनका आकार रेत के दाने से लेकर गोल्फ बॉल जितना भी हो सकता है।
Types of stones
- कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन (सबसे आम, 80% मामले)
- यूरिक एसिड स्टोन (प्रोटीनयुक्त भोजन से जुड़ा)
- स्ट्रवाइट स्टोन (संक्रमण से बनता है)
- सिस्टीन स्टोन (दुर्लभ, आनुवंशिक कारणों से)
Kidney Stones Causes in Hindi:
किडनी स्टोन बनने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
A. खान-पान संबंधी गलतियाँ
- पानी कम पीना – मूत्र गाढ़ा होने से खनिज जमा होते हैं।
- नमक (सोडियम) अधिक खाना – कैल्शियम को यूरिन में बढ़ाता है।
- ऑक्सालेट युक्त भोजन – पालक, चॉकलेट, चुकंदर, बादाम आदि।
- प्रोटीन अधिक लेना – रेड मीट, अंडे से यूरिक एसिड बढ़ता है।
B. शारीरिक और आनुवंशिक कारण
- मोटापा या हाई ब्लड प्रेशर
- पारिवारिक इतिहास (अगर परिवार में किसी को पहले पथरी रही हो)
- कुछ दवाएँ (जैसे विटामिन D सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन)
Kidney Stone Symptons in Women:
पथरी का दर्द अक्सर अचानक शुरू होता है और बेहद तीव्र हो सकता है। कुछ प्रमुख लक्षण:
- तेज दर्द – पेट, कमर या पसलियों के नीचे (दर्द उठता-बैठता रहता है)।
- पेशाब में जलन या खून आना।
- बार-बार पेशाब लगना पर कम मात्रा में आना।
- उल्टी या मतली (दर्द के कारण)।
- बुखार या ठंड लगना (अगर संक्रमण हो)।
Note: कई बार छोटी पथरी बिना लक्षणों के भी शरीर से निकल जाती है।
और पढ़े – किडनी स्टोन क्या हैं और कैसे ट्रीटमेंट करे
How to Prevent Kidney Stone:
अगर एक बार पथरी हो जाए, तो दोबारा होने की संभावना 50% तक बढ़ जाती है। इन उपायों से खुद को सुरक्षित रखें:
A. पानी खूब पिएँ
- रोज 3-4 लीटर पानी पिएँ, खासकर गर्मियों में।
- पेशाब का रंग हल्का पीला होना चाहिए।
B. डाइट में सुधार
- नमक कम खाएँ (प्रतिदिन 5g से कम)।
- ऑक्सालेट वाले खाद्य पदार्थ (पालक, चाय, सोया) कम लें।
- नींबू पानी फायदेमंद – सिट्रिक एसिड पथरी रोकता है।
C. एक्सरसाइज और वजन नियंत्रण
- नियमित व्यायाम करें (मोटापा पथरी का कारण बन सकता है)।
Treatment Options in Hindi:
A. घरेलू उपचार (छोटी पथरी के लिए)
- पानी + नींबू का रस – दिन में 2-3 बार पिएँ।
- अजवाइन + शहद – सुबह खाली पेट लें।
- कुल्थी (हॉर्स ग्राम) का पानी – पथरी गलाने में मददगार।
B. मेडिकल ट्रीटमेंट
- दवाइयाँ – पेन किलर, मूत्रवर्धक (Alpha Blockers)।
- ESWL (शॉक वेव ट्रीटमेंट) – बाहर से तरंगों द्वारा पथरी तोड़ना।
- यूरेटेरोस्कोपी (URS) – पतली ट्यूब से पथरी निकालना।
- सर्जरी (PCNL) – बड़ी पथरी के लिए ऑपरेशन।
Conclusion:
किडनी स्टोन एक दर्दनाक समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इससे बचा जा सकता है। पानी अधिक पीना, संतुलित आहार लेना और नियमित चेकअप करवाना सबसे अच्छी रोकथाम है। अगर आपको पथरी के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ध्यान रखें: घरेलू नुस्खे केवल छोटी पथरी के लिए काम करते हैं, बड़ी पथरी में डॉक्टरी सलाह जरूरी है।
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